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सूचना के अधिकार में मिली जानकारी में हुआ खुलासा, नगर पालिका परिषद् शिवालिक नगर में चहेते ठेकेदार का पीएफ घोटाला!


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Haridwar:

सूचना के अधिकार में मिली जानकारी में हुआ खुलासा

नगर पालिका परिषद् शिवालिक नगर में चहेते ठेकेदार का पीएफ घोटाला!

लम्बे समय से विभागीय मिलीभगत से हो रहा हैं सफाई कर्मचारियों के शोषण का खेल

कर्मचारियों के वेतन में की जा रही हैं पीएएफ व ईएसआई राशि की कटौती

न पीएफ के खाते का पता हैं और न ही कर्मचारियों को जारी किया गया हैं कोई ईएसआई कार्ड

ठेकेदार ठेका अनुबंध में तय नियम /ा् शर्तो की भी उड़ा रहा हैं खुलेआम धज्जियां

मोदी सरकार की कर्मचारियों के हित में चलाई जा रही योजनाओं को लगा रहा हैं ठेकेदार पलीता

यह आलम तब हैं जब पालिका में भाजपा का अध्यक्ष और भाजपा का हैं बोर्ड

जनप्रतिनिधियों के साथ - साथ विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

हरिद्वार। विगत वर्षो से नगर पालिका परिषद शिवालिक नगर में विभागीय मिलीभगत के चलते ठेकेदार दैनिक मजदूरी में कार्यरत सफाई कर्मियों का शोषण करने में लगा हुआ हैं। यह खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ हैं। 2014 में अस्तित्व में आई शिवालिक नगर पालिका परिषद की स्थिति शुरूआती दौर से ही लड़खडाई हुई रही हैं। हलांकि वर्तमान में शिवालिक नगर पालिका परिषद में भाजपा का अध्यक्ष व भाजपा का बोर्ड हैं। लेकिन दुधारू गाय रूपी चहेते ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कर्मचारियों के शोषण और पीएएफ , ईएसआई राशि घोटाला किए जाने के मामले में कारवाई करने के स्थान पर विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधयों ने चुप्पी साध्ी हुई है। सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार नगर पालिका परिषद् शिवालिक नगर का सफाई व अन्य ठेका प्रथा में कार्यरत विभागीय कर्मचारियों का 2017-2018 तक का वार्षिक ठेका सिद्धि एसोसिएट शिवालिक नगर हरिद्वार को दिया था। 2018-2019 में भी ठेका सिद्धि एसोसिएट के पास ही रहा। लेकिन 2018-2019 का कोई अनुबंध सूचना में उपलब्ध नहीं कराया गया। ठेका किन नियम शर्तो के किस प्रक्रिया के आधार पर किया गया हैं इससे संबंधित पत्रावली पर भी विभागीय अधिकारी मौन हैं। ठेकेदार हैरतभरा कारनामा हैं कि ठेकदार कर्मचारियों के वेतन में से पीएएफ व ईएसआई राशि की कटौती तो कर रहा हैं,नगर पालिका से प्रत्येक माह के भुगतान में पीएफ व ईएसआई का पूरा पैसा ले रहा हैं , लेकिन कर्मचारियों को न तो कर्मचारी भविष्य निधि का ही लाभ मिल रहा हैं और न ही राज्य कर्मचारी बीमा स्वास्थ्य चिकित्सा की सुविधा। और तो और कर्मचारियों को भी न किसी पीएफ की कोई जानकारी दी जा रही हैं और न ही कोई ईएसआई से संबंधित जानकारी मुहैया कराई जा रही । जबकि हर मासिक बिल में 10 प्रतिशत सर्विस चार्ज के साथ पीएफ व ईएसआई की राशि का भुगतान नगर पालिका परिषद् कर रही हैं। लेकिन सरकारी खाते से पीएफ व ईएसआई की राशि का भुगतान किए जाने के बाद कर्मचारियों का पैसा कहां जा रहा हैं? ठेकेदार के इस गोलमाल पर विभागीय अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधि भी कुंडली मारे बैठे हैं। ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों के वेतन से काटी जा रही राशि की भी कोई जानकारी ठेका कर्मियों नहीं हैं। जबकि नियमानुसार 10 से अधिक कर्मचारियों (प्रति माह 15,000 रुपये से कम आय वाले सभी प्रतिष्ठानों / इकाइयों / कारखानों ) को ईएसआई अधिनियम 1948 के तहत 15 दिनों के भीतर ईएसआई पंजीकरण के लिए अनिवार्य रूप से लागू होना आवश्यक है। एक कंपनी या कोई अन्य संस्था 10 या उससे अधिक कम कमाई वाले कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं तो नियुक्ति के तत्पश्चात समयावधि अनुसार कंपनी में कार्यरत कर्मिको का पीएफ खाता व ईएसआई पंजीकरण कराना अनिवार्य है। कर्मचारी राज्य बीमा भारतीय श्रमिकों के लिए एक स्ववित्तपोषण सामाजिक सुरक्षा योजना और स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो चिकित्सा और विकलांगता लाभ प्रदान करता है। ईएसआई अधिनियम, 1948 द्वारा शासित, यह श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा प्रबंधित किया जाता है। सूत्रों कि मानें तो अगर कोई कर्मी जानकारी मांगता भी हैं तो उसे या तो काम से हटा दिया जाता हैं या चुप करा दिया जाता हैं। अपने अधिकारों से वंचित चल रहे कर्मिक दबी जुबां में शोषण की बात स्वीकार कर रहे हैं परन्तु कैमरे के आगे व संबंधित विभाग से शिकायत करने से बच रहे हैं। इसके पीछे की वजह कर्मिकों को कार्य छीने जाने का डर बताया जा रहा हैं। इतना ही नहीं अनुबंध के अनुसार पीएफ व ईएसआई सुविधा के साथ कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में जमा किए जाने की शर्त रखी गई हैं , मगर बावजूद उसके सफाई कर्मियों व कर्मिकों को वेतन दिए जाने संबंधी कोई भी अभिलेख ठेकेदार ने विभागीय अधिकारियों को सूचना में दी गई जानकारी में उपलब्ध नहीं कराया हैं और न ही श्रम विभाग में ठेकेदार की फर्म का कोई रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया है। सूचना में प्राप्त सफाई ठेका कार्य व कर्मिकों की सेवा दे रहे ठेकेदार के साथ शिवालिक नगर पालिका द्वारा किए गए 2017-18 के अनुबंध में तय शर्तो का अनुपालन नहीं किए जाने की स्थिति में ठेका निरस्त किए जाने की शर्त भी शामिल हैं। 2018-2019 का ठेका किन शर्तो व किन नियमों के आधार पर हुआ , इसका भी कोई अभिलेख शिवालिक नगर पालिका परिषद् के लोक सूचना अधिकारी बलविन्द्र सिंह द्वारा सूचना के अधिकार में सूचना मांगे जाने व्यक्ति को बिन्दुवार मांगी जानकारी में नहीं दिया गया हैं। हलांकि लोक सूचना अधिकारी द्वारा ठेकेदार को सूचना के अधिकार में मांगी जानकारी पर विभागीय नोटिस भेज जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। मामला विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत पालिका अध्यक्ष व पार्षदों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा हैं । सवाल उठाना वाजिब हैं , क्योंकि विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का चहेता ठेकेदार विगत सालों से नियम,कायदे और कानूनों को ताक पर रखकर श्रमिकों का शोषण करने पर उतारू हैं ,बावजूद इसके नगर पालिका अधिकारी व पालिका चेयरमैन ठेकेदार का ठेका निरस्त करने के स्थान पर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। चहेता ठेकेदार मोदी सरकार की कर्मचारियों के हित में चलाई जा रही योजनाओं को भी पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहा हैं और यह आलम तब हैं जबकि प्रदेश में जीरो टाॅलरेंस का दावा करने वाली भाजपा की सरकार हैं और शिवालिक नगर पालिका परिषद् मे अध्यक्ष भी भाजपा का हैं और बोर्ड भी भाजपा का हैं। आश्चर्य की बात हैं कि श्रमिकों के नाम पर चलाए जा रहे तमाम श्रमिक संगठन भी अपने निजी हित के लालच में शिवालिक नगर पालिका सहित कई संस्थानों में कर्मचारियों के साथ हो रहे शोषण पर मूकदर्शक बने बैठे हैं। जब ठेकेदार द्वारा बरती जा रही अनिमियतताओं के संबंध में नगर पालिका परिषद् शिवालिक नगर के अधिशासी बलविन्द्र सिंह को फोन किया गया तो उन्होंने अपने आपकों व्यस्त बताकर फोन उठाना ही बंद कर दिया । -यूएस न्यूज।

ठेकेदार को पीएफ राशि रिकवरी किए जाने संबंधी नोटिस दिया गया हैं। जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही की जाऐगी।- राजीव शर्मा, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद् ,शिवालिक नगर ,हरिद्वार।
अभी मीटिंग में हूॅं बाद में बात करता हूॅं। - बलविन्द्र सिंह , अधिशासी अधिकारी , नगर पालिका परिषद् ,शिवालिक नगर ,हरिद्वार।

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